Vasant Panchami – बसंत पंचमी, महत्व, इतिहास

वसंत पंचमी या श्रीपंचमी हिंदुओ का एक प्रमुख त्योहार है | यह दिन दस विद्या की देवी माता सरस्वती को समर्पित है इसी दिन ही मा सरस्वती का अवतरण हुआ था तथा इसी दिन से शीत ऋतु का समापन होके वसंत का आगमन होता है प्रकृति के मौसम मे बदलाव आ जाता है फसले, फूल एवं समस्त वनस्पति लहलहा उठती है | वसंत पंचमी के दिन आप कोई भी नई चीज़ो की शुरुवात कर सकते हो इस दिन कोई भी नया चीज़ शुरु करना बडा ही लाभकारी होता है | अंग्रेजी पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी जनवरी-फरवरी माह में मनाया जाता हैं।

वसंत पंचमी का महत्व

वसंत ऋतु के आगमन से ही प्रकृति की वादिया एकदम से खिलखिला उठती है | मान्यता है कि इस दिन मा सरस्वती के पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि का विस्तार होता है इतिहास गवाह है कि जिसके पास ये दोनो चीज़े है वो सबसे बडा धनवान व्यक्ति है | वसंत पंचमी के दिन पीले चावल का भोग चढाया जाता है तथा पीले वष्त्रो का दान करने से भी व्यक्ति को इश्वर्य की प्रप्ति होती है. इसे भारत मे सरस्वती पूजा या सरस्वती जयंती के रूप मे भी जाना जाता है |

basant panchami

वसंत पंचमी का इतिहास

संगीत और कला की देवी मा सरस्वती का अवतरण इसी दिन हुआ था इसलिए इस दिन भक्त मा सरस्वती की पूजा, आराधना करते है. वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा भी कहा जाता है | यह पर्व भारत, नेपाल मे बडे हे हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है |

वसंत पंचमी में सरस्वती पूजा महत्व

वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा को ज्ञान के देवी मा सरस्वती के जन्मदिवस के रूप मे मनाया जाता है | मा सरस्वती की विधि विधान से पूजा और मा सरस्वती वंदना के साथ इस उत्त्सव को मनाया जाता है | मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को ज्ञान और बुद्धि की प्रप्ति बडी ही सरलता से हो जाती है |

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वसंत पंचमी पौराणिक कथा

1 – पौराणिक मान्यताओ के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने ब्रह्माण्ड की संरचना का कार्य शुरु किया था तब उन्होने माता सरस्वती को अपने कमंड्ल के जल से उत्पन्न किया था | इसलिए मा सरस्वती ब्रह्मा जी की मानस पुत्री भी कहलाई है | उसके बाद से ही यह दिन मा सरस्वती पूजा एवं जन्मदिवस के रूप मे प्रसिद्धि हो गया |

2 – रामायण काल से मान्यता है कि जब प्रभु श्रीराम जी माता सीता के खोज मे शबरी के आश्रम पहुंचे तो वहां उन्होने शबरी के जूठे बैर खाकर शबरी का उद्धार किया था तो वह दिन भी वसंत पंचमी का ही था |

Saraswati Pooja or Vasant Panchami Wednesday, February 14, 2024

Basant Panchami Kaise Manayi Jati Hai?

1 – इस दिन मा सरस्वती की पूजा विधि विधान से की जाती है
2 – इस दिन वसंत मेले का आयोजन होता है देश के विभिन्न जगहो से लोग तीर्थ स्थान पर आकर स्नान और दान पून्य करते है
3 – इस दिन धार्मिक स्थलो के दर्शन का भी विधान है
4 – गुजरात मे गरबा नृत्य करके मा सरस्वती का पूजन किया जाता है
5 – ग्रामीण क्षेत्रो मे लोग सुबह उठकर स्नान ध्यान करने के बाद अपने सामर्थ के अनुसार दान करते है तथा उस दान किए गये चीज़ो को किसी गरीब या असहाय ब्राह्मणो को दे देते है |
6 – इस दिन लोग अपने पुस्तको की भी पूजा करते है |

goddess saraswati

बसंत पंचमी कोट्स ‌(Vasant Panchami Quotes, Messages)

“तु स्वर की दाता तू ही बुद्धि प्रादाता,
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं! “

“हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनि
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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“ज्ञान के देवी मा सरस्वती आपको बुद्धि प्रदान करें
हैप्पी वसंत पंचमी“

“वसंत पंचमी की आपको तथा आपके परिवार को हमारी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं“
“आपके जीवन मे आये खुशियो की बहार
आपको मुबारक हो वसंत पंचमी का त्योहार“

“देवी सरस्वती आपको ज्ञान और बुद्धि का आशिर्वाद प्रदान करें
हैप्पी वसंत पंचमी“

“या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
हैप्पी वसंत पंचमी

“वसंत पंचमी का ये त्योहार लाये खुशिया हज़ार
बधाई हो आपको वसंत पंचमी का ये त्योहार“

Frequently Asked Question

Q : When is Basant Panchmi in 2024?
Ans: Wednesday, February 14, 2024
Q : बसंत पंचमी के दिन क्या करने से बचना चाहिए ?
Ans : इस दिन किसी से झूठ व अपशब्द नही बोलना चाहिए .
Q : बसंत पंचमी मे किसकी पूजा होती है?
Ans : मा सरस्वती की