श्री अयोध्या धाम, इतिहास, प्रमुख पर्यटन और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते  (Ayodhya Dham ke Pramukh Paryatan, History and Major Tourism)

अयोध्या नगरी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक महत्वपूर्ण जिला है। इस जिले का मुख्यालय भी अयोध्या है। यह पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित पावन धाम है। अयोध्या नगरी भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है। यही श्री अयोध्या धाम है जिसका उल्लेख ‘रामायण’ महाकाव्य में भी मिलता है। अयोध्या कोशल साम्राज्य की प्राचीन राजधानी भी थी। अयोध्या को पूर्व मे साकेत के नाम से भी जाना जाता था |

आईये इस लेख मे हम आपके लिए (Ayodhya Dhaam ke Pramukh Paryatan) और अयोध्या से जुडा इतिहास तथा उनके बारे मे सम्पूर्ण जानकारी लेकर आये जिसके बारे मे आप जानने के इच्छुक है।

saryu nadi

जनवरी 22, 2024 को होगा श्रीराम प्रभु का भव्य अभिषेक

इतने लम्बे समय के बाद इतनी समस्या के बाद प्रभु श्रीराम का भव्य राम मंदिर का अभिषेक समारोह 22 जनवरी 2024 को आयोजित किया जा रहा है। जिसके लेकर समस्त लोगो मे बहुत उत्साह है। उसके बाद समस्त जनमानस के लिये प्रभु श्रीराम का दर्शन सुगमता से मिलना शुरु हो जायेगा.

इतिहास

अगर हम अयोध्या के इतिहास की बात करे तो ये ऐतिहासिक रूप से, अयोध्या कोशल साम्राज्य की राजधानी थी। गौतम बुद्ध के समय में कोसल दो भागों में विभाजित हुआ था – उत्तरी कोशल और दक्षिणी कोशल, जिनके बीच सरयू नदी बहती थी। वेदों में अयोध्या को भगवान की नगरी बताया गया है। और इसकी समृद्धि की तुलना स्वर्ग से की गई है। अथर्ववेद में अयोध्या का उल्लेख समग्र प्रतीक के रूप में किया गया है – अष्टचक्र नवद्वारा देवानां पुरायोध्या। यह नगर सरयू के तट पर स्थित था और बारह योजन लम्बा तथा तीन योजन चौड़ा था जिसका वर्णन भी है । यह शहर कई शताब्दियों तक सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी रहा है। अयोध्या मूलतः हिंदू मंदिरों का शहर है। जैन धर्म के अनुसार, चौबीस तीर्थंकरों में से पांच का जन्म यहीं हुआ था। क्रम से: प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ जी, दूसरे तीर्थंकर अजितनाथ जी, चौथे तीर्थंकर अभिनंदन नाथ जी, पांचवें तीर्थंकर सुमतिनाथ जी और चौदहवें तीर्थंकर अनंतनाथ जी। इसके अलावा जैन और वैदिक दोनों मान्यताओं के अनुसार भगवान रामचन्द्र जी का जन्म भी इसी देश में हुआ था।

अयोध्या से जुड़ी कुछ खास बातें

– यह स्थान श्रीराम भगवान का जन्म स्थान है. प्रभु राम एक ऐतिहासिक महापुरुष थे और इसके पर्याप्त प्रमाण भी हैं. शोधानुसार पता चलता है कि भगवान श्री राम का जन्म 5114 ईसा पूर्व हुआ था.

यातायात

अयोध्या सड़क और रेल मार्ग द्वारा लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, सुल्तानपुर, जौनपुर और उत्तर भारत के अन्य शहरों से भलीभाँति जुड़ा हुआ है।

वायु मार्ग

पहले यहा कोई वायु मार्ग से आवागमन नही था परंतु अब अयोध्या का निकटतम हवाई अड्डा अयोध्या में ही है। एयरपोर्ट से अयोध्या धाम लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसका नाम ‘महर्षि वाल्मीकि अतंरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम’ है यह रिकॉर्ड महज 20 महीनों में ही तैयार हुआ अयोध्या धाम का महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट.

रेल मार्ग

रेल मार्ग द्वारा भारत के किसी भी कोने से अयोध्या आसानी से पहुँचा जा सकता है। यहा के रेलवे स्टेशन का नाम अयोध्या ज0 है |

सड़क मार्ग

अयोध्या धाम सड़क मार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख छोटे बडे शहरों से जुड़ा हुआ है। आप यहा बडी आसानी से सड़क मार्ग द्वारा लखनऊ, दिल्ली, गोरखपुर, वाराणसी, सुलतानपुर पहुंच सकते है |

अयोध्या के प्रमुख पर्यटन

1 – श्रीराम जन्मभूमि

ram janm bhoomi

श्री अयोध्याधाम का सर्वप्रमुख स्थान श्रीरामजन्मभूमि है। चारो भाई श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न यहां बालरूप मे विराजमान है। यहां पर भारत और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का साल भर आना जाना लगा रहता है। रामनवमी पर्व यहां बडे हर्षोल्लास, जोश और धूमधाम से मनाया जाता है।

2 – कनक भवन

kanak bhawan

कनक भवन अयोध्याधाम का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। माता सीता यहां सोने के मुकुट मे विराजमान है। इस मंदिर का निर्माण 1891 में टीकमगढ़ की रानी ने करवाया था। इस मंदिर का श्री विग्रह (श्रीसीताराम जी) भारत में सबसे सुंदर माना जाता है। यहां आप दैनिक दर्शन भी कर सकते है

3 – हनुमान गढ़ी

hanuman garhi

यह मंदिर बहुत अलौकिक है यहां पर हनुमान जी महराज विराजमान है तथा नित निरंतर यहां भक्तो का आना जाना लगा रहता है विशेष कर मंगलवार के दिन बहुत भारी संख्या मे लोग यहा आते है| कहते है कि जब भगवान अयोध्या से जाने लगे थे तो उन्होने यहां का भार हनुमान जी को सौपा था तब से ये अपने भक्तो तथा अयोध्या की रक्षा कर रहे है |

4 – नागेश्वर नाथ मंदिर

नागेश्वर नाथ मंदिर

यह भगवान शिव का बहुत पौराणिक मंदिर है यह मंदिर राम की पैड़ी में स्थित है| मान्यता है कि इसका निर्माण श्रीराम के छोटे पुत्र कुश के द्वारा करवाया गया था. कुश ने इस मंदिर का निर्माण नागकन्या के लिये करवाया था.

5 – सरयू नदी

सरयू नदी

उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियो मे सरयू नदी भी है इसका उल्लेख हिन्दू ग्रंथों, वेद और रामायण में मिलता है। रामायण की कथा के अनुसार सरयू नदी अयोध्या से होकर बहती है अयोध्या राजा दशरथ की राजधानी तथा प्रभु श्रीराम की जन्म स्थली है | रामायण के कई प्रसंगो मे इस नदी का उल्लेख हुआ है |

6 – गुप्तार घाट

गुप्तार घाट

इस घाट की मान्यता है कि यहा प्रभु श्रीराम जल समाधि ली थी सरयू नदी के तट पर यह भी स्थिति है |

7 – दंतधावन कुंड

दंतधावन कुंड

हनुमान गढ़ी के पास ही यह स्थान मौजूद है इसको राम दतौन भी कहा जाता है कहते है कि यहां प्रभु श्रीराम अपने दांतो को साफ किया करते थे|

8 – बहु बेगम का मकबरा

बहु बेगम का मकबरा

अयोध्या मे स्थिति यह बहुत प्राचीन मकबरा है कहते है कि इस मकबरा का निर्माण नवाब शूजा-उद-दौला ने अपनी पत्नी उन्मातुज जोहरा बानो की याद में बनवाया था। यह मकबरा मुगलो द्वारा स्थापित कला का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है तथा फैज़ाबाद की उंची इमारतो मे से एक है |

9 – तुलसी स्मारक भवन

तुलसी स्मारक भवन

भारत वर्ष के उत्तर प्रदेश मे अयोध्या स्थित है रामचरितमानस और श्री हनुमान चालीसा के रचयिता श्री गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम से निर्मित यह स्मारक है

10 – छोटी छावनी

छोटी छावनी

अयोध्या मे स्थिति छोटी छावनी भी एक सांस्कृतिक एवं ऐतहासिक महत्व से जुडा है | मान्यता है कि संतो ने धर्म की रक्षा हेतु यहा पर एक गुट बनाकर रहना शुरु किया था इसीलिए इसकी बहुत मान्यता है.

11 – त्रेता के ठाकुर मंदिर

त्रेता के ठाकुर

त्रेता के ठाकुर मंदिर भी सभी मंदिरो मे से एक पौराणिक मंदिर है। यह मंदिर प्रभु श्रीराम जी को समर्पित है कहते है यहा पर एकादशी के दिन बहुत भारी मात्रा मे लोगो का जमावडा लगता है। यह मंदिर अयोध्या मे नये घाट के नज़दीक स्थिति है, इसकी भी मान्यता हिंदुओ के विशेष मंदिरो मे है ।

12 – सीता की रसोई

सीता की रसोई

लोगो का कहना है कि माता सीता भोजन यहा पर पकाती थी । दरअसल ऐसी मान्यता है कि जब सीता जी पहली बार अपने ससुराल आई तो यही पर पहली बार भोजन पका के उन्होने ससुराल वालो को खिलाया था । कुछ लोगो की कथनानुसार सीता जी ने कभी भी यहा पर भोजन नही पकाया था |

13 – राजा मंदिर

यह मंदिर भी बहुत प्राचीन है यह मंदिर अयोध्या मे हनुमानगढ़ी के सामने स्थिति है।

14 – राम कथा पार्क

राम कथा पार्क

राम कथा पार्क सरयू नदी के तट पर स्थिति के बहुत ही सुंदर पार्क है अगर आप अयोध्या आते है तो यहा जरुर घूमीयेगा यह बहुत ही सुंदर, विशाल और सुव्यवस्थित पार्क है तथा यहा मन को बडी शान्ती मिलती है यह अयोध्या जंक्शन से महज 3 किलो मीटर की दूरी पर स्थिति है राम कथा पार्क धार्मिक कार्यो एवं किसी भी आयोजन के लिये बहुत ही लोकप्रिय स्थल है. यह पार्क बहुत ही सुंदर धंग से बनवाया गया है

अयोध्या मे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं

1 – मंदिर का निर्माण परम्परागत नागर शैली मे बनाया जा रहा है।
2 – श्रीराम में मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम भगवान का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह), तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा.
3 – मंदिर के अंदर 5 मंडप होंगे जिसमे नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप शामिल है।
4 – खम्भो व दीवारों पर देवी देवताओ की मुर्तिया रहेंगी।

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