जीवन मे अगर आपको कामयाब होना है। तो आपको कामयाब होने की तरह सोचना पडेगा क्योकि कामयाबी कभी भी पास चलकर नही आती है। उसके लिए खुद को तपाना पडता है। आजकल के लिए लोगो मे देखा गया है कि वो कही से भी कुछ करना नही चाहते बल्कि सदैव यही सोचते रहते है कि कही से कुछ मिलता रहे और जीवन चलता रहे। ये सोच ही इंसान को अपंग बना रही है लोगो का तो यही वसूल है जो दिखता है वही बिकता है। याद रखो सारे रिश्ते नाते आपके कामयाबी के साथ ही है अगर आप कामयाब नही हो सके तो लोग भी आपका साथ धीरे – धीरे छोडने लगेंगे।
जीवन के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जिसके द्वारा हम एक कामयाब व्यक्ति बन सकते है –
1 – अपने उद्द्देश्य को कभी भी मत भूले
2 – अपनी जिम्मेदारी को समझे
3 – मेहनत को दोगुनी कर दे
4 – जब तक ना हो सफल नींद को त्यागो
5 – सीख्नने की आदत बनाओ
6 – चुनौती का सामना करो
7 – खुद के मुल्यांकन के लिए विचार करो
8 – हर दिन कुछ नया सीखो
9- विश्वास को प्रबल रखो
10 – असफलता से भयभीत बिल्कुल ना हो
11 – समर्पण
12 – मेहनत
13 – निर्धारित लक्ष्य
14 – अपने लक्ष्य को कभी ना भूले
15 – नियमित प्रयास
16 – संकल्प और उत्कृष्टता
17 – संघर्ष करने की क्षमता और सहनशीलता
संस्कार क्या है? बच्चों में संस्कार कैसे डालें
KIDS MANNER FOR PERFECT LIFE – संस्कार का मतलब किसी की शुद्धि करके उसको गुणवान और समर्थवान बनाना। मैंने देखा है कि लोग अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा के प्रति भी प्रोत्साहित नही कर रहे है। और ना ही बच्चो को अच्छे संस्कार दे रहे है। बच्चो को उचित दिशा मे मार्गदर्शन ही हमारे जीवन का मूल उद्देश्य है इसका कडाई से पालन भी हमारे जीवन का धर्म है। बच्चो मे संस्कार लाने के लिए आपओ कठिन परिश्रम करना पडेगा तथा उनको संस्कार मे बारे मे बताना पडेगा। बच्चो मे संस्कार लाने के लिए आप उनको सभी छोटे एवं बडे का सम्मान करना सिखाये तथा कैसे किस तरह से लोगो जुडे ये सब बाते आपको बच्चो के दिमाग मे भेजनी होगी।
माता – पिता के लिए कुछ जरूरी बाते जो बच्चो को संस्कार देने मे बहुत सहायक सिद्ध होंगे –
1 – बच्चो के लिए समय जरूर निकाले
2 – अच्छे बुरे का ज्ञान उनको दे
3 – धर्म और संस्कृति के बारे मे बताये
4 – परिवार व समाज मे प्रतिस्ठित व्यक्ति को उदाहरण के रूप मे बताये
5 – प्रेम और सहजता का पाठ पढायें
6 – बडो का सम्मान और छोटो का आदर के बारे मे सीख दे
7 – सकारत्मक बनाये
8 – सहयोग की शिक्षा दे
9 – बचपन से ही उनकी गतिविधियो पर ध्यान रखें
10 – गलत पर बार – बार टोके
11 – सहनशील और संवेदनशील बनाये
माता पिता को भी चाहिए कि वो बच्चो के प्रति अपनी पूरी जिम्मेदारी का पालन करें तथा बच्चो से सम्बंधित कार्य, शिक्षा, मनोरंजन, विकास, खेल से सम्बंधित समस्त पहलुओ का गहराई से ध्यान रखो, आपके बच्चो की आंख बने।
क्योकि सही कहा गया है कि जीवन के शिक्षा की प्रथम पाठशाला परिवार ही होता है। वहा से बच्चा जो सीख लेकर निकलता है। वो सदैव उसके साथ रहता है।
हम आशा करते है कि आपके यह लेख जरूर पसंद आया होगा अगर आपको इस लेख से सम्बंधित कोई सुझाव या सलाह देना है तो आप हमे ईमैल के माध्यम से दे सकते है हम निश्चित रूप से आपके सुझाव पर अमल करेंगे|
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मेरा नाम अपूर्व कुमार है मैंने कम्प्युटर्स साइंस से मास्टर डिग्री हासिल किया है | मेरा लक्ष्य आप लोगो तक हिंदी मे लिखे हुये लेख जैसे जीवन परिचय, स्वास्थ सम्बंधी, धार्मिक स्थलो के बारे मे, भारतीये त्यौहारो से सम्बंधित, तथा सुन्दर मैसेज आदि सुगमता से पहुचाना है. तथा अपने मातृभाषा हिन्दी के लिये लोगो को जागरूक करना है. आप लोग नित्य इस वेबसाइट को पढ़िए. ईश्वर आपलोगो को एक कामयाब इंसान बनाये इसी कामना के साथ मै अपनी वाणी को विराम दे रहा हूँ. अगर हमारे द्वारा किसी भी लेख मे कोई त्रुटि आती है तो उसके लिये मै क्षमाप्रार्थी हूँ. |
हिंन्दी मे सोच पढने लिये आपका बहुत – बहुत धन्यवाद