Lord Shiva Mantra Hindi: भगवान शिव को देवो का देव भी कहा जाता है। इनकी कृपा अगर किसी पर हो जाये तो उस व्यक्ति का जीवन भी संवर जाता है।
आज इस लेख के द्वारा भगवान भोलेनाथ के कुछ ऐसे मंत्र (Shiva Mantra Hindi) (Shiv Mantra) और Shiv Mantra List के बारे मे बताने जा रहे है। इन सभी मंत्रो मे एक अलग ही तेज़ है तथा बहुत तेज़ी से अपना प्रभाव डालते है। भगवान शिव के इन मंत्रो का अगर नियमित रूप से जप किया जाये तो निश्चित रूप से प्राणी इसका चमत्कारिक लाभ प्राप्त होगा।
Table of Contents
शिव मंत्र । Shiv Mantra in Hindi । Shiv Slok in Hindi
1 – शिव समान दाता नहीं विपद विदारणहार। लज्जा मोरी राखियो शिव नंदी के असवार॥
2 – कर्पूर गौरमं कारुणावतारं, संसार सारम भुजगेंद्र हारम |
सदा वसंतां हृदयारविंदे, भवम भवानी साहितम् नमामि ||
3 – मंगलम भगवान शंभू , मंगलम रिषीबध्वजा ।
मंगलम पार्वती नाथो, मंगलाय तनो हर ।।
4 – सर्व मंगल मङ्गल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्रंबके गौरी, नारायणी नमोस्तुते ।।
शिव स्तोत्र – Shiv Stotram
ॐ गौरीनाथं विश्वनाथं शरण्यं, भूतावासं वासुकीकण्ठभूषम् ।
त्र्यक्षं पञ्चास्यादिदेवं पुराणं, वन्दे सान्द्रानन्दसन्दोहदक्षम् ॥ॐ
शिव षडक्षर स्तोत्रम्
कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः ॥ १॥ नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणाः ।
शिव मंत्र
ॐ नमः शिवाय
यह मंत्र ही अपने आप मे इतना प्रभावशाली है। कि आपको दूसरे मंत्र की जरुरत ही नही पडेगी। इस मंत्र को रोजाना जप करने से व्यक्ति की समस्त समस्याये अपने आप खत्म होने लगती है।
मृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
यह शिव जी का महामृत्युंजय मंत्र है। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति की अकाल मृत्यु का भय टाला जा सकता है। व्यक्ति की आयु मे भी वृद्धि हो जाती है।
रुद्र मंत्र
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
शिव जी का यह रूद्र मंत्र है। इसका नियमित पाठ आपकी सभी प्रकार की इच्छाओ की पूर्ति करेगा।
शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
भगवान भोले बाबा का बहुत प्रभावशाली मंत्र है इसका जप व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मे बढोत्तरी करता है।
भय नाशक
ऊं पषुप्ताय नमः
माना जाता है। कि इस मंत्र के जप से व्यक्ति समस्त प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है।
शिव नमस्कार मंत्र
नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शन्कराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिर्ब्रम्हणोधपतिर्ब्रम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र – Dwadasha Jyotirlinga Mantra
सौराष्ट्रे सोम्नथन्च, श्री शैलेमल्लिकार्जुनं।
उज्जैन्यांमहाकालं मोम्कारं ममलेश्वरं।।
परल्यां वैद्यनाथं च, दाखिन्यां भीमशन्करं।
सेतुबन्धेतुरामेषं नागेशं दारुकावने।।
वाराणष्यां तु विश्वेशं, त्रयंबकं गौतमि तटे।
हिमालये तु केदारं धुश्मेषं च शिवालये।।
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि, सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्त जन्म कृतं पापं स्मरेण विनश्यति।।
शिव तांडव स्तोत्रम- SHIV TANDAVA STOTRAM – बहुत ही सरल भाषा मे शिव तांडव
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जय शिव शम्भू
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