Krishna Quotes Hindi | Short Krishna Quotes

भगवान श्रीकृष्ण ने मानव जीवन को महाभारत के जरिये बहुत सुंदर संदेश दिया है अगर इसका पालन लोग करने लगे तो लोगो का जीवन भय मुक्त, कष्ट मुक्त हो जाये | हम लोग संसार रूपी माया सागर मे अंधकार रूपी हिचकोले खाते रहते है, दिन प्रतिदिन मनुष्य अनेकानेक माया मोह, मद, लोभ और क्रोध मे घिरता जा रहा है |

क्यो जरूरी है भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा दिये गये Short Krishna Quotes Hindi

अगर आप भी अपने जीवन की दिशा और दशा मे बदलाव लाना चाहते है तो भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा दिये गये कोट्स को जरूर पढे क्योकि इससे आप को एक नई उर्जा प्राप्त होगी |

Inspirational Krishna Quotes in Hindi:

इस क्रम मे हम आपके लिए भगवान श्रीकृष्ण से जुडे कुछ कोट्स हिन्दी मे लेकर आये है यह (Krishna Quotes in Hindi) आपके समय को उर्जा से परिपूर्ण कर देगा |

1 – मेरा उद्देश्य व्यक्ति के जीवन के सार को समझाना है|

2 – काम क्रोध मद लोग ये सब जीवन विनाश का कारण बनते है|

3 – यहा जो कुछ भी है वो तुम्हारा नही है
तुम क्यो रोते हो, यही जीवन है|

4 – जीवन के सत्य को जितनी जल्दी समझ लो अच्छा है|

5 – हर कण मे मै व्याप्त हू तुम जहा जाओगे मुझे पाओगे|

6 – तुम अपना कर्म करो फल कि अभिलाषा मत रखो|

7 – तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने तक ही सीमित है|

8 – मनुष्य के अधीन केवल कर्म है जिसको तनमयता के साथ करना चाहिए|

9 – मै सभी जीवो मे निहित हू मैं चींटी में भी विद्यमान हूं और हाथी में भी विद्यमान हूं|

See also  God Quotes in Hindi - भगवान पर बहुत ही सुंदर कोट्स

10 – जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त रहना ही मानव जीवन की प्राथमिकता है, तुम किस लिए इस लोक मे आये हो इस बात पर विचार करो |

11 – भगवान श्रीकृष्ण कहते है कि केवल कर्म ही एकमात्र रास्ता है जिसके द्वारा ही तुम सफलता का स्वाद पा सकते हो |

12 – आत्मा तो अजर अमर है ना मरती है और ना जन्म लेती है ना ही पानी से गीला किया जा सकता है ना ही आग जला सकती है

13 – किसी के दुख को मिटाना भी एक तरह का सुख ही है |

14 – भगवत गीता के अनुसार जब इन्सान की जरुरत खत्म हो जाती है तब इंसान के बात करने के तरीके भी बदल जाते है |

15- कर्म ही व्यक्ति का फलदायी है|

16- कर्मो का फल निश्चित ही मिलता है | जय श्रीकृष्णा

17- गीता में भगआन श्रीकृष्ण ने कहा है कि मनुष्य को फल की इच्छा का मोह छोड़कर कर्म पर ध्यान देना चाहिए।

18 – फल कर्म के अनुसार ही मिलता है जैसा कर्म वैसा फल |

19 – जैसी करनी वैसा फल आज नही तो निश्चय कल

20 – मनुष्य खुद ही अपने कर्मो का विधाता है जैसा बीज़ वैसा पौधा

21 – आत्मा अमर है |

22 – आत्मा पुराने शरीर का त्याग उसी प्रकार कर देती है जैसे मनुष्य अपने पुराने कपडो का |

23 – मन ही हमारे समूल दुखो का कारण है जिसने मन पर काबू पा लिया वह व्यक्ति मन मे पैदा होने वाले बेकार की चिंता और इच्छा से मुक्ति पा लेता है |

See also  वृक्षों के महत्व पर सुंदर कोट्स और शायरी - Tree Quotes in Hindi

24 – क्रोध पर नियंत्रण आवश्यक है यदि क्रोध आये भी तो उसे शांत रखने का प्रयास करें

25 – खुद का आकलन बहुत जरूरी है क्योकि व्यक्ति को खुद से बेहतर कौन जान सकता है |

26 – खुद के कर्मो पर संदेह ना करे जो भी काम करे आत्मविश्वास के साथ करें |

27 – अत्यधिक लगाव भी निराशा का कारण बनता है |

28 – मनुष्य को सदैव अभ्यास करने रहना चाहिए क्योकि अभ्यास करने से जीवन आसान हो जाता है|

29 – परिणाम के बारे मे ना सोचें |

30 – जीवन और मरण निश्चित है इससे कोई नही बच पाया है इसलिए मोह, माया का त्याग कर अपना कर्म करो|

कठिन समय मे जीवन का सार समझाने वाले भगवान श्रीकृष्ण के प्रेरणादायक विचार:

1 – चिंता नही चिंतन करना चाहिए |

2 – चिंता चिता के समान है जो व्यक्ति को खा जाती है |

3 – गंभीर तपस्या और ज्ञान मार्ग से बेहतर ध्यान का मार्ग ही श्रेष्ठ है।

4 – मै हर जगह मौजूद हू पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और पाताल|

5 – माया रूपी रास्ता केवल विनाश रूपी मंजिल ही दिखा सकता है है|

6 – व्यक्ति जो चाहे हासिल कर सकता है बस इच्छित वस्तु पर ध्यान आवश्यक है |

7- अपना काम दूसरे के कल्याण को ध्यान मे रखकर करना चाहिए |

8 – जो हुआ वह अच्छा हुआ, जो होगा वह भी अच्छा ही होगा
तुम्हारा क्या गया जो तुम विलाप रूपी सागर मे डूब गये हो |

9 – जीवन मे कभी निराश मत हो क्योकि कमज़ोर आपका वक़्त होता है आप नही |

10 – उठो जागो और अपने कर्म के मार्ग पर निकल पडो जब तक कुछ हासिल ना कर लो |

See also  Mother's Day Quotes in Hindi - खूबसूरत मदर्स डे कोट्स

11 – अगर आपको इश्वर का आशिर्वाद चाहिए तो उनके बताये मार्ग पर चलना शुरु कर दो |

12 – असफलता देखकर निराश मत हो, क्योकि अंधेरे के बाद उजाला तो आता ही है |

13 – बुद्धिमान व्यक्ति कभी भी अपनी विद्धता का परिचय नही देता | जय श्रीकृष्ण

14 – भगवत गीता के अनुसर नर्क के तीन द्वार क्रोध, वासना और लालच |

15 – कर्म ही पूजा है |