हमारे भारत देश को आज़ादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी इस आज़ादी के लिए बहुत लोगो ने अपनी जान गंवाई, बहुत लोगो ने अपने जीवन का पूरा क्षण आज़ादी दिलाने मे ही लगा दिया तथा बहुत से लोगो ने कई प्रकार की प्रताडना झेली परंतु हमारे देश के जाबाज़ो ने अपनी जान गंवाकर हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाई। धन्य है हमारे देश के सिपाही धन्य है वो मां जिनके लाल ने देश के लिए खुद को बलिदान कर दिया। प्रतियोगी परिक्षाओ मे भी स्वतंत्रता दिवस के रूप मे पूछा जाता है। आइये इस लेख मे हम आज आप सभी के लिए Essay on Independence Day in Hindi के बारे मे लिखने जा रहे है जो आप सभी के लिए इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सहायक साबित होंगे। इस लेख मे आपको 150, 250 100 तथा 500 शब्दो मे Essay on Independence in India के कुछ महत्वपूर्ण लेख दिये गये है।
Table of Contents
Essay on Independence Day in Hindi (स्वतंत्रता दिवस पर निबंध) 150 शब्दो मे
स्वतंत्रता दिवस का दिन हम सभी भारतीये के लिए बहुत ही गर्व का दिन है। आज़ादी का दिवस पूरे भारत वर्ष मे बहुत उत्साह एवं के साथ मनाया जाता है। 15 अगस्त 1947 के दिन ही हमने अंगेजी शासन से आज़ादी प्राप्त की थी। स्वतंत्रता दिवस हमारे पूरे भारत वर्ष मे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। 15 अगस्त 1947 वह दिन है जब हमारे भारत वर्ष के लोगो ने पहली बार चैन की सांस ली थी। यह वो दिन था जब पहली बार लोग पूर्ण रूप से स्वतंत्र हुये और आजाद हुये। इस आज़ादी को पाने के लिए बहुत लम्बा संघर्ष करता पडा। ना जाने कितने लोगो ने अपनी आहुति दे डाली हमारे देश के वीर जवानो चट्टान की भाति डटकर पूरी लडाई लडी खुद को बलिदान कर दिया तब जाके इतने वर्ष के कठिन संघर्ष के बाद हमारा भारत वर्ष आज़ाद हुवा। भारत के वीर सपूतो की वजह से ही आज हम लोग खुली हवा मे सर उठा कर अपने तिरंगे को लहरा सकते है। नमन है ऐसे भारत मां के लाल को जिन्होने अपनी परवाह न किये बिना हम लोगो को गर्व से जीने की राह दिखा गये।
Swatantrata Diwas Par Nibandh (स्वतंत्रता दिवस पर निबंध) 200 शब्दो मे
हमारे देश भारत वर्ष मे मे अज़ादी का दिवस प्रति वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन हमारे भारत के इतिहास मे एक महत्वपूर्ण दिन है तथा ये दिन हम भारतीयो के लिए सबसे विशेष दिन है। क्योकि इसी दिन ही अंग्रेजी हुकुमत से सत्ता हमारे हाथ आयी थी। स्वतंत्रता दिवस हमे हमारे पुराने संघर्षो और बलिदान की याद दिलाता है कि कैसे हमारे मिट्टी के लाल, हमारे पूर्वजो ने स्वतंत्रता पाने के लिए संघर्ष किया था। 15 अगस्त का दिन हमे साहस, समर्पण और देशभक्ति की भावना को दर्शता है। स्वतंत्रता के लिए हमारे देश के वीर शहीदो को हम नम आंखो से श्रद्धाजलि देते है तथा उनके बलिदान की गाथा को गाते है। यह दिन हमे हमारे देश के प्रति भक्ति और जिम्मेदारी का बोध कराता है। इस दिन हम सभी भारतीये मिलकर देश के विकास मे योगदान देने का संकल्प लेते है। हमको सदा ही ये याद रखना चाहिए कि हमे हमारी आज़ादी कितने संघर्षो और बलिदानो से मिली है। इस दिन का इंतज़ार हम सब को बेशब्री से रहता है। हमारा देश हमारी शान है इसके लिए एक नही बल्कि सौ जाने कुर्बान है। हमे अपने देश की आन, मान और शान की रक्षा के लिए एकजुट होकर संकल्प लेना चाहिए। इस दिन पूरे भारत वर्ष एक अलग ही नज़ारा होता है।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 500 शब्दो मे
प्रस्तावना
वर्ष 1947 की तारीख 15 अगस्त वह भाग्यशाली दिन था जब हमारे भारतवर्ष को ब्रिटिश शासन के गुलामी से आज़ादी मिली थी। उस दिन के बाद अंग्रेज हमारे भारत देश को छोडकर चले गये और हमारे देश की कमान नेताओ के हाथ मे आ गयी। यह दिन हमारे भारत मे इतिहास के पन्नो मे सुनहरे अक्षरो मे दर्ज हो गया और हम लोग गुलामी की जंजीरो से हमेशा के लिए आज़ाद हो गये। यह पल हमारे जीवन के सबसे सुखद पलो मे से एक है।
भारत मे स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है?
भारत मे स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) का आयोजन प्रतिवर्ष 15 अगस्त 1947 को पूरे भारतवर्ष मे मनाया जाता है। इस दिन भारतवर्ष का हर नागरिक बहुत खुश रहता है तथा सब एकजुट होकर स्वतंत्रता दिवस बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। अंग्रेजो ने कई वर्षो तक हमारे देश पर शासन किया।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व
स्वतंत्रता दिवस का महत्व हम भारतीयो के जान से ज्यादा है। स्वतंत्रता को लाने के लिए हमारे वीर सपूतो और देश के क्रांतकारियो ने जिस भूमिका मे लडाई लडी थी वो अविश्वसनीये है उसका वर्णन शब्दो मे बया कर पाना मुश्किल है। हम लोगो को संकल्प लेकर देश के विकास के लिए काम करना चाहिए ना कि उसके विकास मे बाधक बनकर। हमारा देश हमारी पहचान है हमारा देश हमारी शान है झुकने न देंगे अपने देश को कभी चाहे उसके बदले चली जाये हमारी जान।
स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
जब अंग्रेज हमारे देश मे पहली बार आये तो हमारे देश के लोगो ने उनको बहुत प्यार और सम्मान दिया क्योकि हमारे देश की संस्कृति ही ऐसी है कि हम मेहमान नवाजी मे कोई कसर नही छोडते पर अंग्रेजो के दिमाग मे कुछ और ही चल रहा था धीरे – धीरे अंग्रेजो ने अपना रंग दिखाना शुरु किया और गरीब जनता पर अपना अत्याचार शुरु कर दिया।
धीरे – धीरे ये सब आम जनमानस के बीच पहुंचने लगा लोग इसका विरोध भी करने लगे गर्म दल वाले लोग हिंसा के बल पर अपनी लडाई लडने लगे और नरम दल वाले लोग सत्याग्रह आदि के माध्यम से अंग्रेजो का विरोध करने लगे। इस प्रकार यह विरोध का अभियान बहुत तेज़ी से फैलने लगा लोग अंग्रेजो को वापस जाने के नारे लगाने लगे समय बीतता गया परंतु जो ज्वाला थी वो और तेज़ी से बढती गई आखिरवार बहुत संघर्ष और बलिदानो के बाद हमारे भारत देश सन 1947 दिन 15 अगस्त को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता का अधिकार मिल गया।
भारत मे स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन
इस दिन सभी प्रकार के प्राईवेट और सरकारी संस्थानो मे सबकी मौजूदगी मे झंडारोहण किया जाता है विभिन्न प्रकार के देशभक्ति गीत गाये जाते है। स्वतंत्रता दिवस से सम्बंधित भाषण और स्पीच आदि भी दिये जाते है। बहुत जगह पर लोग देशभक्ति गाने पर डांस आदि का आयोजन करते है। हमारे देश का राष्ट्रगान भी गाया जाता है। इसी दिन हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री जी द्वारा दिल्ली के लाल किले पर भी तिरंगा फहराया जाता है उसके बाद माननीय जी द्वारा देश को सम्बोधित किया जाता है। हमारे देश की तीनो सेनाये भी वहा उपस्थिति रहती है। देश के हर चौराहे और नुक्कड पर तिरंगा फहराया जाता है। हमे ये संकल्प लेना है कि हर घर हमारा तिरंगा फहराता मिले।
उपसंहार
इस खाश मौके पर हमे अपने देश के वीर शहीदो को श्रद्धाजलि अर्पित करनी चाहिए। देश की सुरक्षा. आन, मान और शान के लिए हम सभी को एकजुट होकर संकल्प लेना चाहिए। हमे अपने वीरो की सहादत को हमेशा याद रखना चाहिए। जब हम विकास करेगे तभी हमारा परिवार भी विकास करेगा। देश की सुरक्षा, विकास और समृद्धि हम सभी की जिम्मेदारी है।
जय हिंद जय भारत
मेरा नाम अपूर्व कुमार है मैंने कम्प्युटर्स साइंस से मास्टर डिग्री हासिल किया है | मेरा लक्ष्य आप लोगो तक हिंदी मे लिखे हुये लेख जैसे जीवन परिचय, स्वास्थ सम्बंधी, धार्मिक स्थलो के बारे मे, भारतीये त्यौहारो से सम्बंधित, तथा सुन्दर मैसेज आदि सुगमता से पहुचाना है. तथा अपने मातृभाषा हिन्दी के लिये लोगो को जागरूक करना है. आप लोग नित्य इस वेबसाइट को पढ़िए. ईश्वर आपलोगो को एक कामयाब इंसान बनाये इसी कामना के साथ मै अपनी वाणी को विराम दे रहा हूँ. अगर हमारे द्वारा किसी भी लेख मे कोई त्रुटि आती है तो उसके लिये मै क्षमाप्रार्थी हूँ. |
हिंन्दी मे सोच पढने लिये आपका बहुत – बहुत धन्यवाद