आज इस लेख मे हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का निबंध लिखने जा रहे है। जिससे आप लोग भी समाज मे हो रहे भेदभाव को पूरी तरह से समझ सके और अपनी मानसिकता को बदलकर बेटियो के उज्ज्वल भविश्य के बारे मे सोचे तथा उनको भी आगे ले जाने के बारे मे विचार करे क्योकि बेटा बेटी एक समान ना करो इनसे दोगला व्यवहार। बेटियो की सुरक्षा और उनका संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। आज के इस समय मे बेटिया भी बेटो से पीछे नही चाहे कोई प्रतियोगी परिक्षा ले लो या शिक्षा हर क्षेत्र मे भी अब बेटिया भी अव्वल हो रही है। बेटिया ही हमारी सृष्टि निर्माता है फिर हम उनसे भेदभाव क्यो रखे।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध ( 400 से 500 शब्द)
प्रस्तावना
आज के युग मे अपने देश ही नही अपितु पूरे विश्व मे बेटियो को लेकर हर पैमाने पर भिन्नता देखी जा रही है जो सर्वथा उचित नही है। पुरुषो की तुलना मे महिलाओ को बहुत कम प्राथमिकता दी जा रही है। चाहे धार्मिक, आर्थिक या सांसकृति कोई भी जगह हो।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ हमे समझने और समाज को समझाने तथा इसमे लोगो के अंदर जागरुकता लाने की जरुरत है। बेटियो की प्रतिभा को दबाकर उन्हे हीन भावना से देखा जा रहा है। तथा उनकी अनदेखी भी की जा रही है। बेटियो की प्रतिभा और कौशल को ना समझते हुये आज उनकी अनदेखी की जा रही है। तथा उनको गर्भ मे या पैदा होने के बाद उनको समाप्त किया जा रहा है। जिसके आज बेटियो को बचाने की जरुरत पड रही है। इस अभियान के तहत यह सुनिश्चित करना कि बेटियो को उचित शिक्षा मिले, उचित सम्मान मिले तथा उनके प्रति समाज मे कोई भेदभाव ना हो। लोगो पूरे समाज मे इस कार्य के लिए लोगो को जागरूक करे।
शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है। जिसके बल पर पूरे संसार मे अपनी प्रतिभा को दिखाया जा सकता है और अपनी शिक्षा रूपी ताक़त से लोगो को अपने होने का एहसास कराया जा सकता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के मुख्य उद्देश्य
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के मुख्य उद्देश्य लिंग मे भेदभाव को रोकना तथा भ्रूण हत्या की कुप्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त करना है। इस अभियान की शुरुवात बेटियो की सुरक्षा और संरक्षण भी इसका मुख्य उद्देश्य है। महिलाओ के स्थिति मे ज्यादा से ज्यादा सुधार लाना तथा लिंग अनुपात के गिरावट को रोकना आदि सामिल है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक व सामाजिक रूप से बेटियो को स्वतंत्र बनाना है।
उपसंहार
सदियो से देखा जा रहा है कि बेटियो को समाज मे बराबरी के अधिकार से वंचित रखा गया आज के इस दौर मे संवेधानिक अधिकार के तहत लाखो बेटियो ने अपनी योग्यता और शिक्षा के बदौलत समाज मे अपना नाम रोशन किया किया है। तथा प्रत्येक क्षेत्र मे पुरुषो के मुकाबले महिलाओ ने अपना आधार बहुत तेज़ी से बनाया है। तब जाकर सरकार ने लोगो को जागरूक करने के लिए इस अभियान का शुरुवात किया है।
मेरा नाम अपूर्व कुमार है मैंने कम्प्युटर्स साइंस से मास्टर डिग्री हासिल किया है | मेरा लक्ष्य आप लोगो तक हिंदी मे लिखे हुये लेख जैसे जीवन परिचय, स्वास्थ सम्बंधी, धार्मिक स्थलो के बारे मे, भारतीये त्यौहारो से सम्बंधित, तथा सुन्दर मैसेज आदि सुगमता से पहुचाना है. तथा अपने मातृभाषा हिन्दी के लिये लोगो को जागरूक करना है. आप लोग नित्य इस वेबसाइट को पढ़िए. ईश्वर आपलोगो को एक कामयाब इंसान बनाये इसी कामना के साथ मै अपनी वाणी को विराम दे रहा हूँ. अगर हमारे द्वारा किसी भी लेख मे कोई त्रुटि आती है तो उसके लिये मै क्षमाप्रार्थी हूँ. |
हिंन्दी मे सोच पढने लिये आपका बहुत – बहुत धन्यवाद